Tuesday, August 21, 2018

महत्वपूर्ण अपील -: मेरा एक विचार जो समाज की दशा बदल दे

महत्वपूर्ण अपील -: मेरा एक विचार जो समाज की दशा बदल दे।

 दोस्तों मेरी आप से एक प्रार्थना है कि मेरा ब्लॉग पढ़कर उस पर प्रतिक्रिया जरूर दे और एक रुपये से लेकर ज्यादा से ज्यादा आप आर्थिक सहयोग मानवता के लिए इस नम्बर पर जरूर करे। 

paytm namber- phonepe,Googlepe +917906334635

Whatsup  namber- 8393071097 

दोस्तों मैं एक छोटी सी कहानी के माध्यम से अपनी बात रखता हूँ आप धयान दे। 


दोस्तों आप कहीं दूर घूमने जा रहे है। एक सुनसान इलाके में पहुंच जाते है और आप रास्ता भटक जाते है। अब आप क्या करेंगे? आप वहां रुककर किसी के आने का इंतजार करेंगे और कोई आ भी जाता है। आप उससे आगे के रास्ते के बारे में जानकारी करेंगे। लेकिन वो व्यक्ति आपकी बात टाल दे। आपको बताने से मना कर दे।


आप पैसे वाले भी है। लेकिन वहां आपका पैसा काम नहीं आएगा। यदि हमारे साथ कोई दुर्घटना हो जाये।और हम बहुत ज्यादा जख्मी हो जाये। और लोग हमारे नजदीक से होकर चले जाते है। हमारे कहने पर हमारे गिडगिडाने पर भी हमारी मदद को कोई नहीं आता तो हमें कैसा लगेगा? हम उनको बहुत बुरा भला कहेंगे। 


ठीक इसी प्रकार से देश में लाखो करोड़ो लोग किसी न किसी वजह से परेशान होकर अपनी जिंदगी को नर्क के जैसा जीवन जीने के लिए मजबूर होते है। जबकि उनका कोई दोष नहीं होता है। जिस प्रकार आपका भी कोई दोष नहीं था। 


क्योंकि रास्ता भटकना हमारी भूल हो सकती है। दुर्घटना होना हमारी भूल हो सकती है। लेकिन  उसके पीछे कोई दूसरा कारण भी हो सकता है। जिसको हम देख नहीं पाते है। हम पैसे वाले होकर भी किसी न किसी की मदद के मोहताज होते है। 


क्योंकि इस संसार की रीत ही कुछ ऐसी है कि हमें किसी न किसी की मदद लेनी ही पड़ती है। अगर हम किसी की मदद न करे। तो ये सृष्टि ठहर जायेगी रुक जाएगी। क्योंकि प्रकृति को ही देख लीजिये हमारी पृथ्वी भी सूर्य की मदद से मौजूद है। एक नदी में दो किनारे होते है। वो भी एक दूसरे की मदद करते है। उन दो किनारो के निर्माण से ही नदी का निर्माण होता है।


दोस्तों हमारे देश की आबादी लगभग 135 करोड़ है। और समूचे विश्व की आबादी लगभग 650 करोड़ होगी। हमारे विश्व में लगभग आधे से ज्यादा आबादी सुख की जिंदगी व्यतीत कर रही है।लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोगो का जीवन नर्क से भी बदत्तर है। और कुछ लोगो को तो ये ही नहीं मालूम कि उनके पास कितना धन है। जो अपनी पूरी जिंदगी high class में व्यतीत कर लेते है। 


दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ। अपने देश इंडिया की जिसमे कुछ ऐसे भी इंसान रहते है। जिनके पास कुछ भी नहीं है। किसी का प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ में आग में भूकंप में सब कुछ समाप्त हो जाता है। तो किसी का किसी और तरह से सब कुछ समाप्त हो जाता है 


दोस्तों कोई अनाथ है। तो कोई परिवार से बिछड़ गया, कोई भीख मांग रहा है। तो कोई अपने वृद्ध माता- पिता को वृद्धा आश्रम में छोड़कर दूर चला जाता है। किसी के पास घर नहींहै, तो किसी के पास खाने को अन्न नहीं है। तो किसी के पास कपडे नहीं है। और किसी के पास इलाज के लिए धन नहीं, कोई पढ़ना चाहता है। किन्तु उसके पास फीस देने और किताबे खरीदने के लिए धन नहीं है। कोई अत्यधिक कर्जा हो जाने से आत्महत्या कर लेता है। तो कोई बेरोजगार काम की तलाश में भटकता रहता है। 

दोस्तों कहीं महिलाओं पर अत्याचार बलात्कार और कही बाल मजदूरी कही गुलामी से परेशान तो कहीं कोई भीख लेने के लिए परेशान है। 

दोस्तों हमने इन सभी बातो को ध्यान में रखकर पिछले तीन वर्षो से एक ऐसे मिशन को चलाया है जो  विभिन्न बीमारियों के चलते लोगो को समय समय पर मेडिकल केम्प लगाकर उनकी जँचोपरांत निशुल्क मेडिकल ट्रीटमेंट किया है। योगशाला का आयोजन, ब्लड डोनेट तथा प्राकृतिक आपदाओं के कार्य कर्मों को  सफलता पूर्वक चलाया गया । इसमें लगने वाले धन में हमारी संस्था के सभी सदस्यों का योगदान रहा है। हमारी टीम के सभी सदस्यों का कार्य सराहनीय रहा है। 

आगे हम अपनी संस्था का विस्तार करना चाहते है। जिसमे हम निम्न बिन्दुओं को शामिल करके समाज में अनेको जरुरत मंदो को सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास किया करेंगे।

जैसे-:

1.हॉस्पिटल 

2.गरीब आवासीय स्कूल 

3. स्कूल कॉलेज 

4.अनाथालय 

5. विकलांगो के लिए विशेष स्कूल की स्थापना 

6. लघु एवं कुटीर उद्योगों को लगाकर बेरोजगारी को कम करना।

7. पर्यावरण सुधार के लिए वृक्षारोपण आदि कर्यकर्मो को बढ़ावा देना।

हमारी संस्था "स्वास्थ्य जागरूकता एसोसिएसन" का मुख्य लक्ष्य है। जिसके लिए हमारी संस्था के पास कोई भी धन न होने के कारण हम इस और आगे नहीं बढ़ पा रहे है। मैं संस्था का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते आपसे एक अपील करता हूँ ।कि हमारी इस संस्था को जितना अधिक से अधिक हो सके धन डोनेट करने का कस्ट करे। हम आपके आभारी रहेंगे।

  google pe, phone pe,paytm n.+917906334635

Whatsapp n.8393071097 

नोट:जब आप पैसा डाले तो स्क्रीन शॉट जरूर whatsapp पर सैंड कर दे। जिससे हम एक draw  निकालेंगे। जिस व्यक्ति  का नंबर इस draw में निकलेगा। हम उसको उचित पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

हम आपके आभारी रहेंगे। धन्यवाद      

लेखक दीपक कुमार               

Wednesday, August 8, 2018

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी भाग -3 हिंदी में देखे

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी भाग -3 हिंदी में देखे 

1.ऑस्कर अवार्ड की शुरुआत कब हुई?
उत्तर- 1929।
2.गाइड फिल्म किसके उपन्यास पर आधारित है?
उत्तर-आर के नारायण।
3.तमाशा कहाँ का लोक नृत्य है?
उत्तर-महाराष्ट्र।

4.गंधार मूर्तिकला शैली का विकास किस काल में हुआ था?उत्तर-कुषाण काल।
5.सिंधु घाटी सभ्यता कांस्य की नर्तकी कहाँ से प्राप्त हुई है?उत्तर-मोहन जोदड़ो।
6.चौसठ कलाओं का वर्णन किस वेद में मिलता है?
उत्तर-यजुर्वेद।

7.बौद्ध धर्म में घोडा किसका प्रतीक है?
उत्तर-घोडा।
8.हीनयान सम्प्रदाय के लोग किसकी पूजा करते है?
उत्तर-बुद्ध के प्रतीकों को।
9.एमनेस्ट्री योजना का संबंध किस विभाग से है?
उत्तर-बिधुत विभाग बिजली बिलो के भुगतान से।

10.यूपीकोका की प्रेरणा उत्तर प्रदेश सरकार को कहाँ से प्राप्त हुई?
उत्तर-महाराष्ट्र मकोका से।
11.मुहम्म्द साहब का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर-29 अगस्त 570 ई. मक्का में ।
12.जिन शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर-जितेन्द्रिय (जीतना)।

13.अश्वघोष किसका दरबारी कवि था?
उत्तर-कनिष्क प्रथम।
14.भारत के किस शहर को यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा प्रदान किया गया?
उत्तर-अहमदाबाद।
15.विश्व व्यापार संघठन के सदस्य देश कितने है?
उत्तर-164 देश।

16.अंटार्कटिका पर भारतीय अनुसंधान केंद्र का नाम क्या है?उत्तर-दक्षिणी गंगोत्री।
17. राष्ट्रीय पशु बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर-पैंथरा टाइग्रिस लिनंनायस।
18. प्रथम महिला आईपीएस अधिकारी कौन है?
उत्तर- किरण बेदी।

19. रैमन मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला कौन है?उत्तर-किरण बेदी।
20. विश्व सुंदरी बनने वाली प्रथम महिला है?
उत्तर-रीता फारिया।
21.माउन्ट एवरेस्ट पर पहुंचने वाली प्रथम विकलांग भारतीय महिला कौन है?
उत्तर-अरुणिमा सिन्हा।

22.युगांतर के लेखक कौन थे?
उत्तर- बारीन्द्र घोष एवं भूपेंद्र नाथ दल। 
23.खासी विद्रोह कहाँ हुआ था? 
उत्तर-असम।
24.भारतीय मूल अधिकारों का वर्णन किन अनुच्छेदों में है एवं इन्हे संज्ञा दी जाती है? 
उत्तर-भाग-3 अनुच्छेद 12 से 35 भारत का मैग्नाकार्ट।

25.समाज में अस्पृश्यता को समाप्त करके छुआछूत व्यवहार को दंडनीय किस अनुच्छेद में वर्णित है? 
उत्तर-अनुच्छेद 27मे। 
26.भारत का लघु संविधान किस संविधान किस संविधान संशोधन को कहा जाता है ?
उत्तर-42 वा संविधान संशोधन को।
27.वर्ष 1967 में कितने मूल कर्तव्य संविधान में जोड़े गए थे? उत्तर-10 मूल कर्तव्य। 

28.किस संशोधन के अंतर्गत भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया ?
उत्तर- 7 वा संशोधन।
29.भारत के 29 वे राज्य का  नाम लिखिए?
उत्तर-तेलंगाना।
30.सरकार के विरुद्ध एक निंदा प्रस्ताव होता है?
उत्तर-स्थगन प्रस्ताव।

31.लोकसभा का पदाधिकारी कौन होता है?
उत्तर-लोकसभा महासचिव। 
32.भारतीय संसद के कितने अंग होते है? 
उत्तर-भारतीय संसद के तीन अंग होते है राज्यसभा लोकसभा राष्ट्रपति। 
33.संसद का सबसे बड़ा और सबसे छोटा सदन होता है?उत्तर-सबसे बड़ा बजट सत्र और छोटा शीतकालीन सत्र।

34.प्रधानमंत्री किसे नियुक्त किया जाता है? 
उत्तर-लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को।
35.राजयसभा का पदेन कौन होता है? 
उत्तर-उपराष्ट्रपति।
36.राष्ट्रपति एवं मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की भूमिका कौन निभाता है? 
उत्तर-प्रधानमंत्री।

37.भारत के किस उच्चन्यायालय में न्यायधीशो की संख्या सबसे अधिक है? 
उत्तर- इलाहबाद उच्च न्यायालय। 
38.योजना आयोग की स्थापना की स्थापना कब हुई थी? उत्तर-15 मार्च 1950। 
39.प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागू की गई थी? 
उत्तर- 1 अप्रैल 1951। 

40.योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष कौन थे? 
उत्तर-गुलजारीलाल नंदा।
41.योजना आयोग के अंतिम उपाध्यक्ष कौन थे? 
उत्तर- मोंटेक सिंह अहलूवालिया।
42.नीति आयोग की स्थापना कब की गई थी?
उत्तर- 1 जनवरी 2015। 
43.नीति आयोग का अध्यक्ष कौन होता है? 
त्तर-भारत का प्रधानमंत्री।

लेखक दीपक कुमार               

आज पर्यावरण दिवस पर हमें संकल्प करना होगा

आज पर्यावरण दिवस पर हमें संकल्प करना होगा 

दोस्तों आज पर्यावरण दिवस है इस विषय में हम आज एक संकल्प लेकर एक ऐसा काम करे जिससे हम और हमारा समाज सुरक्षित रहे 

 मैं आज फिर से आप लोगो के लिए कुछ खास लेकर आया हूँ। हमें उम्मीद है कि ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी। मैं बात कर रहा हूँ पेड़ पौधों की। जिनको हानि पहुंचाने से हमें भविष्य में कितनी परेशानी उठानी पड़ेगी। यह तो समय ही बताएगा। लेकिन समय से पहले ही खतरों को भांप लेना चाहिए। उसी में हमारी समझदारी होती है।

यदि हम फिर भी सचेत नहीं हो सकते है। तो मानव जीव-जंतु सब संकट में आ जायेंगे। कहा भी गया है कि एक वृक्ष दस पुत्रो के सामान होता है" अगर अपना जीवन हमें बचाना है। तो पेड़ पौधों को बचाना ही पड़ेगा। नहीं तो सबका जीवन समाप्त होने में, जरा भी देर नहीं लगेगी। आइये पेड़ो के फायदे और उनके अंधाधुंध कटान से होने वाले नुकसान की जानकारी प्राप्त करें।
       अन्य पोस्ट के लिंक पर जाएँ\
       सभी परीक्षाओं के प्रश्नो के लिए इस लिंक पर जाएँ 

1.हमारे जीवन में पेड़ पौधों का महत्व।-दोस्तों किसी भी व्यक्ति को जीवन में सबसे ज्यादा जरूरत अगर किसी चीज की होती है। तो वह ऑक्सीजन है। जो कि हमें जिन्दा रखने में बहुत महत्वपूर्ण होती है।जो हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है। तथा वृक्ष पर्यावरण से प्रदूषण को साफ करने में तथा गैसों को संतुलित करने में मदद करते है।

2.पेड़ के उपयोग-इस दुनिया में कोई न कोई पेड़ किसी न किसी काम के लिए ही बना है। सब पेड़ पोधो में कुदरत ने मानव के लिए कुछ न कुछ गुण डाले है। जिनके बहुत सारे उपयोग मानव जाति हमेशा से करती आ रही है। पेड़ एक सामान्य घर की अधिकांश जरूरते पूरी करते है।

3.उद्योगों के रूप में उपयोग -जैसे कागज उद्योग,  कपडा उद्योग, रबड़ उद्योग, फर्नीचर उद्योग, पशु चारा उद्योग, आयुर्वेदिक उद्योग,  ईंधन उद्योग,  फल फूल सब्जी अनाज आदि। व्यवसाय की दृष्टि से बड़े- बड़े उद्योग आज पेड़-पौधों पर निर्भर है। जैसे लकड़ी से बनने वाले फर्नीचर प्लाई वुड के कारखाने यमुनानगर हरियाणा में हजारो फैक्ट्रियां लकड़ी की कलाकृतियों के लिए विश्व में सहारनपुर का प्रथम स्थान है। करोड़ो लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए है। 

4.आयुर्वेदिक कारखाने-आयुर्वेदिक दृष्टि से पेड़ से बनने वाली सभी रोगो में काम आने वाली ओषधियाँ तैयार की जाती है। इसका बहुत बड़ा क्षेत्र है। जैसे पतंजलि, आयुर्वेदाचार्य वेदनाथ, धन्वंतरि अन्य छोटी बड़ी कम्पनियाँ ओषधियों का बड़ा बाजार बन गई है। देश भर में इनका लाखो करोड़ रूपये का प्रतिवर्ष व्यवसाय होता है। 

5.ईंधन के रूप में उपयोग-लकड़ी से कोयले का उत्पादन किया जाता है। हमारे देश में ही करोड़ो घर ऐसे है जो आज भी लकड़ी से अपने घर में ईंधन के रूप में उपयोग करते है।देश की अधिकांश जरूरते लकड़ी से ही पूरी होती है। रेल यातायात में लकड़ी का काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है। 

6.प्राकृतिक दृष्टि से-प्राकृतिक दृष्टि भी पेड़-पौधे बहुत अधिक आवश्यक होते है। जैसे भूमि कटाव की रोकथाम पेड़ पोधो की पत्तियों के सड़ने पर खाद का काम लेना,  वर्षा कराने में सहायक, वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायक, ऑक्सीजन पैदा करने का कार्य कार्बनडाइऑक्साइड को पर्यावरण से कम करना जहरीली गैसों को खत्म करना आदि कार्य पेड़ पौधों के द्वारा किया जाता है।

7.खाद्यानों की दृष्टि से -मनुष्य एवं जीव जंतुओं की दैनिक जरूरतों को भी पेड़ पौधें पूरी करते है। जैसे सभी प्रकार के फल तथा फूल बहुत सी सब्जिया एवं पशुओं के लिए चारा आदि हमें पेड़ों से प्राप्त होता है। शहद, मॉम,गोंद एवं हरियाली छाँव आदि हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त होती है।

8.अत्यधिक पेड़ पौधों के काटने से होने वाले नुकसान- इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अँधा होकर हमारे जीवन की हर जरूरत को पूरा करने वाले इन पेड़-पोधो की अंधाधुंध कटाई कर रहे है। जिसके कारण आज लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है। तापमान लगातार बढ़ रहा है। जिससे (ग्लोबल वार्मिंग)से बर्फ लगातार पिंघल रही है। बर्फ के लगातार फिंगलने के कारण समुद्र का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। 

यदि सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन ऐसा आएंगा की समूचा विश्व जल की चपेट में आकर ड्डूब जायेगा। फिर हम कुछ भी नहीं कर सकेंगे। और यह सब कुछ हालात पैदा हो रहे है। सिर्फ पेड़ पैधो का अधिक मात्रा में काटे जाने से। 

मैं पिछली सरकारों की बात करू तो समूचे उत्तर प्रदेश से बहुत अधिक मात्रा में लगभग करोड़ो वृक्षों को जो बहुत पुराने और विशाल थे। जो सड़को व्  हाइवे के किनारे खड़े थे सभी को काट दिया गया था। जिसकी पूर्ति ३वर्ष बीतने के बाद आज तक भी नहीं हो सकी। सड़के आज भी बेजान दिखाई देती है। 

सड़के ऐसे लगती है। जैसे सुनसान जंगल या कोई रेगिस्तान जब सरकार ही ऐसा करेंगी तो बड़ी- बड़ी कंपनियां तो क्यों नहीं करेंगी।बड़े-बड़े उद्योग लगाए जाते है।सड़को का चौड़ीकरण होने से जमीने घट रही है। जिसके कारण आज बहुतायत में पेड़ पौधों की कमी होती जा रही है।

देश में कुछ माफिया लोगो के द्वारा  जंगल के जंगल साफ कर दिए जा रहे है। कुछ बड़े-बड़े जंगल जलकर बिलकुल राख हो जाते है। जिससे भारी मात्रा में  प्रतिवर्ष देश को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

अंत में मैं कहना चाहता हूँ। कि पेड़ पौधे हमारी तमाम आवश्यकताएं पूरी करते है। पेड़ पौधों को हमें बचाना होगा। तभी हमारा जीवन सुरक्षित होगा। हमें संकल्प करना होगा। कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में प्रतिवर्ष १० नए पौधे लगाने होंगे। तभी बचेगा भारत, बचेंगे हम। रहेगा भारत, रहेंगे हम। दोस्तों मेरी ये पोस्ट आपको कैसी लगी प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं?

 लेखक: दीपक कुमार 

एक कड़वी सच्चाई किस किसने तुम्हे सताया है

एक कड़वी सच्चाई किस किसने तुम्हे सताया है 

दोस्तो मेरे ब्लॉग को पूरा पढ़े। और इसे इतना ज्यादा शेयर करो कि ये करोड़ो लोगो तक पहुंचे। और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार तक हमारी बात पहुंचे। क्योकि हमारे देश में सब गड़बड़ चल रहा है।

दोस्तों नमस्कार

जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय.
दोस्तों आज मैंने एक विडिओ देखा जिसमे दो ठाकुर के लड़के भारत से दलितों का नामो निशान मिटाने की बात कर रहे है। और भीम राव आंबेडकर जी की फोटो को चप्पल से मार रहे है।और एक दूसरी विडिओ में एक कार्यालय में बैठा एक युवक बाबा साहब भीम राव आंबेडकर को इतनी गालिया दे रहा है  कि उनके बच्चों तक को भी बहुत गन्दी-गन्दी गलियां दे रहा है। 

मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से ऐसे लोगो से पूछना चाहता हूँ कि तुम हो क्या? अरे जो दुनिया में सबसे अधिक पड़े लिखे होकर भी शालीनता का जीवन जीते थे। और समूचे भारत को समृद्ध भारत बना दिया। आधुनिक भारत का निर्माण कर गए। भारतीय अर्थव्यवस्था दे गए। रुपये की समस्या को सुलझा गये। रिजर्व बैंक की स्थापना करके गए।विद्युत परियोजना जल परियोजना आदि बहुत कुछ तुम्हे दे दिया। सभी धर्मो की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को ख़त्म कर के गए। उसमे तुम्हारी माँ और बहन भी है। तुम्हे तुम्हारी नौकरी के काम के आठ घंटे दे दिए।नहीं तो तुम 12 से 14 घंटे काम कर रहे होते। नौकरियों में तमाम सुविधाएँ दे गए। देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद करके गए।


अब तुम कहोगे की गाँधी जी और फलाना फलाना देश आजाद कर गए। अरे अंग्रेजो की एक शर्त थी कि तुम अगर अपना सविधान बना दो तो हम तुम्हे आजाद कर देंगे। तुम्हारे तो सदियों से पढ़े लिखे लोग थे। क्यों नहीं बना सके भारत का सविधान। क्योंकि तुम लोग हमेशा पाखंडवाद जातिवाद  मनुवाद में रहे हो। तुमने कभी विज्ञानवाद को नहीं समझा। तुमने हमेशा उत्पीड़न के सिवाय कुछ नहीं दिया।

तुम्हारे पूर्वजो ने बार-बार देश को गुलाम करवाया। भारत के बार बार बटवारे करवाते रहे हो। देश का नाश कर दिया तुम लोगो ने। देश की तमाम सम्प्पति को लूट लिया तुम लोगो ने।

बात करते हो दलितों को भारत से नामो निशान मिटाने की किस- किस को मारोगे भारत में 35 करोड़ दलित है।अगर एक बार ये सब जाग गए तो तुम समझ सकते हो तुम्हारी क्या दशा और दिशा होगी। हजारो सालो का हिसाब एक ही झटके में ले लेंगे और तुम ऐसे महामानव को गाली देते हो उसका अनादर करते हो। जिसे सारा संसार मानता है।

मैं तो अपने इस ब्लॉग के माध्यम से कहना चाहता हूँ कि देश की सरकार ऐसे लोगो को संरक्षण प्रदान कर रही है? जो जानबूझकर ऐसे लोगो को आगे ले कर आ रही है।और दलितों पर अत्याचार करा रही है।

मैं कुछ लाइने अपने समाज के लिए कर रहा हूँ। कृपया ध्यान से पढ़े।

क्या कहूं मैं ऐसे ना समझो से कई युग बीत गये मार खाते- खाते।
सदियों से समझाते आये, बात ना उनकी माने हम।
हमारे महापुरुषो संत रविदास जी, महात्मा ज्योतिबा फुल्ले जी, बाबा भीमराव आंबेडकर जी एवं अन्य समाज के बुद्धिजीवियों के द्वारा लेकिन हम वहीँ के वहीँ है।
इन देवी देवता से इस पाखंडवाद से इन आडंबरो से कब बाहर निकलेंगे हम।

क्या कहूं मैं ऐसे ना समझों से,

जो अब तलक भी नहीं समझ सके,
जो अब तलक भी बाहर नहीं निकल सके,
इन आडंबरो से।
अरे कैसा डर तुम्हे सताता है।
क्यों तुम गले इन्हे लगाते हो। आखिर तुम क्या चाहते हो।
कि देवी तुम्हे धन देगी, कि देवी तुम्हे बचायेगी।
अरे मैं कहता हूँ वो तुम्हे नहीं बचायेगी,वो तुम्हे धन दौलत नहीं देगी।

क्योंकि जो चढ़ावा लेती है वो, भला तुम्हे क्यों देगी,

उसके पीछे का कारण जानो।
अरे बैठा है उसके पीछे एक मनुवादी चेहरा जो सब कुछ तुम्हारा खायेगा, और तुम्हे ही नीच बतायेगा,जुल्म और अत्याचार करेगा तुम पर, तुम्हे ही मार गिरायेगा।
सुनो रे भैया देवी हो या देवा इतिहास जान लेना तुम।
कितने भाइयों को मार गिराया इन्होने।

जुल्म किये हम सब पर इतने,

कि कभी राक्षस कभी शूद्र और कभी अछूत बताया तुम्हे।
अरे कब तक समझोगे ना समझो तुम।
अरे एकलव्य का काटा अंगूठा, शम्भुक ऋषि की  हत्या की, होलिका का किया था बलात्कार, की थी संत रैदास की हत्या, अरे फंसा डाला था उस भीम महामानव को भी अपने जाल में कर डाली थी रात अंधेरे में हत्या।

क्या गिनांऊ जुल्मो को इनके।

जिन्होंने करोड़ो लोगो की हत्या कर डाली।
अरे भूल गए तुम क्या अपने जुल्मो और जख्मो को।
अरे याद  करो अपने माता पिता की गुलामी को।
याद करो उनकी क़ुरबानी को जिन्होंने इन हत्यारो से तुम्हे बचाया है।

खुद खाली पेट जुल्म सहकर तुम्हे खिलाया है।

अरे पीछे झाड़ू आगे हांड़ी नहीं दिया था पिने पानी।
अरे किसने तुम्हे बचाया था।
कौनसी दुर्गा कौनसी देवी कौन सी शक्ति ने तुम्हे बचाया था।  अरे ध्यान करो उस बाबा भीम का जिसने तुम्हे बचाया था।
अरे क्या समझाऊं ऐसे ना समझों को।
जो है कौम के गद्दार अरे भाइयो दर- दर ठोकर खाते हो तुम क्या वजूद तुम्हारा है।

यहाँ ठोकर से मेरा कहना है कि जब हमारे मंदिरों में किसी भी दूसरे समाज के लोग नहीं आते है। तो तुम क्यों दूसरों के मंदिरों में जाते हो। मुझे एक कहावत याद् आ रही है। घर आये नाग न पूजे चले बाम्बी पूजने। अपने को कौन आएगा पूजने जब तुम खुद उनको नहीं मानोगे।


मैं तो इतना जनता हूँ कि दुनिया में कोई भी ऐसी शक्ति नहीं जो बाबा भीम राव आंबेडकर और संत रैदास  से बड़ी हो। जिनका समूचा संसार लोहा मानता है।

मेरे तो सपने में रात बाबा साहब भीम राव आंबेडकर साहब आये थे। उन्होंने ही मुझे बताया था कि आप इस समाज को जागरूक कर सकते हो। जिससे मैंने ये पोस्ट लिखी है और साथ में बाबा भीम ने मुझे एक वरदान दिया था कि तुम एक दिन भारत में सबसे बड़े पद पर पहुंच जाओगे और संसार में तुम्हारा ऊंचा नाम और बहुत सम्मान होगा।और वो अधिकार मुझे बाबा साहब ने दिया है।

मैं आशा करता हूँ कि तुम मेरे इस संदेश से खुद जागो और दूसरो को जागाओं। हमें अब जागना ही होगा नहीं तो आज ये लोग वीडियो बनाकर तुम्हे डरा रहे है। कल तुम्हे ख़त्म कर देंगे।और तुम इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। साथियो इनके छोटे-छोटे बच्चों के अंदर दलितों के प्रति जहर भरा है।


नोट--

मैंने किसी धर्म या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्द्येश्य से इस पोस्ट को नहीं लिखा है। मैंने सिर्फ एक विडिओ को देखकर लिखा है। जिससे मेरी भावनाओं को बहुत ठेस पहुंची है।

मैं अपील करता हूँ कि कोई भी किसी भी समाज का व्यक्ति दलितों पर कमेंट करने बंद कर दो। भाईयो हमारा समाज किसी का कोई भी बुरा नहीं करता है। जिओ और जीने दो वर्ना आप लोगो का बहुत बुरा वक्त शुरु होने वाला है।


काम करो ऐसा की मिशाल बन जाये हर कदम चलो ऐसा की निशान बन जाये।
जिंदगी तो हर कोई काट लेता है ऐ मेरे दोस्तों जिंदगी ऐसी जिओ की मिशाल बन जाए।

अन्य पोस्ट के लिंक यहाँ पर है 

दोस्तों ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकि उन लोगो की आँखे खुल जाएँ जो हमारे समाज पर अत्याचार करते है।जय भीम

लेखक:- मा.दीपक कुमार, जनपद-सहारनपुर, यू.पी., भारत 

मानव जाति पर संकट के बादल

 मानव जाति पर संकट के बादल 

खतरा-पेड़-पौधों के अंधाधुंध कटान से मानवजाति पर संकट के बादल


दोस्तों नमस्कार, मैं आज फिर से आप लोगो के लिए कुछ खास लेकर आया हूँ। हमें उम्मीद है कि ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी। मैं बात कर रहा हूँ पेड़ पौधों की। जिनको हानि पहुंचाने से हमें भविष्य में कितनी परेशानी उठानी पड़ेगी। यह तो समय ही बताएगा। लेकिन समय से पहले ही खतरों को भांप लेना चाहिए। उसी में हमारी समझदारी होती है।

यदि हम फिर भी सचेत नहीं हो सकते है। तो मानव जीव-जंतु सब संकट में आ जायेंगे। कहा भी गया है कि एक वृक्ष दस पुत्रो के सामान होता है" अगर अपना जीवन हमें बचाना है। तो पेड़ पौधों को बचाना ही पड़ेगा। नहीं तो सबका जीवन समाप्त होने में, जरा भी देर नहीं लगेगी। आइये पेड़ो के फायदे और उनके अंधाधुंध कटान से होने वाले नुकसान की जानकारी प्राप्त करें।
       अन्य पोस्ट के लिंक पर जाएँ\
       सभी परीक्षाओं के प्रश्नो के लिए इस लिंक पर जाएँ 

1.हमारे जीवन में पेड़ पौधों का महत्व।-दोस्तों किसी भी व्यक्ति को जीवन में सबसे ज्यादा जरूरत अगर किसी चीज की होती है। तो वह ऑक्सीजन है। जो कि हमें जिन्दा रखने में बहुत महत्वपूर्ण होती है।जो हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है। तथा वृक्ष पर्यावरण से प्रदूषण को साफ करने में तथा गैसों को संतुलित करने में मदद करते है।

2.पेड़ के उपयोग-इस दुनिया में कोई न कोई पेड़ किसी न किसी काम के लिए ही बना है। सब पेड़ पोधो में कुदरत ने मानव के लिए कुछ न कुछ गुण डाले है। जिनके बहुत सारे उपयोग मानव जाति हमेशा से करती आ रही है। पेड़ एक सामान्य घर की अधिकांश जरूरते पूरी करते है।

3.उद्योगों के रूप में उपयोग -जैसे कागज उद्योग,  कपडा उद्योग, रबड़ उद्योग, फर्नीचर उद्योग, पशु चारा उद्योग, आयुर्वेदिक उद्योग,  ईंधन उद्योग,  फल फूल सब्जी अनाज आदि। व्यवसाय की दृष्टि से बड़े- बड़े उद्योग आज पेड़-पौधों पर निर्भर है। जैसे लकड़ी से बनने वाले फर्नीचर प्लाई वुड के कारखाने यमुनानगर हरियाणा में हजारो फैक्ट्रियां लकड़ी की कलाकृतियों के लिए विश्व में सहारनपुर का प्रथम स्थान है। करोड़ो लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए है। 

4.आयुर्वेदिक कारखाने-आयुर्वेदिक दृष्टि से पेड़ से बनने वाली सभी रोगो में काम आने वाली ओषधियाँ तैयार की जाती है। इसका बहुत बड़ा क्षेत्र है। जैसे पतंजलि, आयुर्वेदाचार्य वेदनाथ, धन्वंतरि अन्य छोटी बड़ी कम्पनियाँ ओषधियों का बड़ा बाजार बन गई है। देश भर में इनका लाखो करोड़ रूपये का प्रतिवर्ष व्यवसाय होता है। 

5.ईंधन के रूप में उपयोग-लकड़ी से कोयले का उत्पादन किया जाता है। हमारे देश में ही करोड़ो घर ऐसे है जो आज भी लकड़ी से अपने घर में ईंधन के रूप में उपयोग करते है।देश की अधिकांश जरूरते लकड़ी से ही पूरी होती है। रेल यातायात में लकड़ी का काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है। 

6.प्राकृतिक दृष्टि से-प्राकृतिक दृष्टि भी पेड़-पौधे बहुत अधिक आवश्यक होते है। जैसे भूमि कटाव की रोकथाम पेड़ पोधो की पत्तियों के सड़ने पर खाद का काम लेना,  वर्षा कराने में सहायक, वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायक, ऑक्सीजन पैदा करने का कार्य कार्बनडाइऑक्साइड को पर्यावरण से कम करना जहरीली गैसों को खत्म करना आदि कार्य पेड़ पौधों के द्वारा किया जाता है।

7.खाद्यानों की दृष्टि से -मनुष्य एवं जीव जंतुओं की दैनिक जरूरतों को भी पेड़ पौधें पूरी करते है। जैसे सभी प्रकार के फल तथा फूल बहुत सी सब्जिया एवं पशुओं के लिए चारा आदि हमें पेड़ों से प्राप्त होता है। शहद, मॉम,गोंद एवं हरियाली छाँव आदि हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त होती है।

8.अत्यधिक पेड़ पौधों के काटने से होने वाले नुकसान- इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अँधा होकर हमारे जीवन की हर जरूरत को पूरा करने वाले इन पेड़-पोधो की अंधाधुंध कटाई कर रहे है। जिसके कारण आज लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है। तापमान लगातार बढ़ रहा है। जिससे (ग्लोबल वार्मिंग)से बर्फ लगातार पिंघल रही है। बर्फ के लगातार फिंगलने के कारण समुद्र का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। 

यदि सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन ऐसा आएंगा की समूचा विश्व जल की चपेट में आकर ड्डूब जायेगा। फिर हम कुछ भी नहीं कर सकेंगे। और यह सब कुछ हालात पैदा हो रहे है। सिर्फ पेड़ पैधो का अधिक मात्रा में काटे जाने से। 

मैं पिछली सरकारों की बात करू तो समूचे उत्तर प्रदेश से बहुत अधिक मात्रा में लगभग करोड़ो वृक्षों को जो बहुत पुराने और विशाल थे। जो सड़को व्  हाइवे के किनारे खड़े थे सभी को काट दिया गया था। जिसकी पूर्ति ३वर्ष बीतने के बाद आज तक भी नहीं हो सकी। सड़के आज भी बेजान दिखाई देती है। 

सड़के ऐसे लगती है। जैसे सुनसान जंगल या कोई रेगिस्तान जब सरकार ही ऐसा करेंगी तो बड़ी- बड़ी कंपनियां तो क्यों नहीं करेंगी।बड़े-बड़े उद्योग लगाए जाते है।सड़को का चौड़ीकरण होने से जमीने घट रही है। जिसके कारण आज बहुतायत में पेड़ पौधों की कमी होती जा रही है।

देश में कुछ माफिया लोगो के द्वारा  जंगल के जंगल साफ कर दिए जा रहे है। कुछ बड़े-बड़े जंगल जलकर बिलकुल राख हो जाते है। जिससे भारी मात्रा में  प्रतिवर्ष देश को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

अंत में मैं कहना चाहता हूँ। कि पेड़ पौधे हमारी तमाम आवश्यकताएं पूरी करते है। पेड़ पौधों को हमें बचाना होगा। तभी हमारा जीवन सुरक्षित होगा। हमें संकल्प करना होगा। कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में प्रतिवर्ष १० नए पौधे लगाने होंगे। तभी बचेगा भारत, बचेंगे हम। रहेगा भारत, रहेंगे हम। दोस्तों मेरी ये पोस्ट आपको कैसी लगी प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं? 

धन्यवाद दोस्तों।
लेखक दीपक कुमार  

भारत रत्न डॉ.बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के बहुमूल्य विचार

भारत रत्न डॉ.बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के बहुमूल्य विचार 

दोस्तो जय भीम जय भारत,
बाबा साहब डॉ.भीम राव आंबेडकर जी का जीवन बहुत ही संघर्षों में व्यतीत हुआ है। उन्होंने बहुत उत्पीड़न सहा है। जीवन में पग पग पर उनके काटें ही कांटे रहे है। और बड़ी ही मुस्किलो पर आधारित जीवन जीते हुए देश को बहुत कुछ देकर गए।उनके बलिदानो को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से बाबा साहब की
कही कुछ बाते शेयर करने जा रहा हूँ,कृपा ध्यान से पूरा पढ़े।
                          

                                     

               "काम करो कुछ ऐसा कि पहचान बन जाये,
   हर कदम चलो ऐसा कि निशान बन जाये।
                जिंदगी तो हर कोई काट लेता है ऎ मेरे दोस्तों,
   जिंदगी ऐसी जिओ के मिशाल बन जाये।।

ऎ भारत के गरीबो.दलितो व शोषितो!
तुम्हारी मुक्ति का मार्ग धर्मशास्त्र व मंदिर नहीं है, बल्कि तुम्हारा उद्धार उच्च शिक्षा, व्यवसायी बनाने वाले रोजगार तथा उच्च आचरण व नैतिकता मे निहित है।

तीर्थयात्रा,व्रत पूजा पाठ करने, यगो में आहुति देने व मन्दिरो में माथा टेकने से, तुम्हारी दासता दूर नहीं होगी,
तुम्हारे गले में पड़ी तुलसी की माला गरीबी से मुक्ति नहीं दिला सकेगी।

काल्पनिक देवी, देवताओ की मुर्तियो के आगे नाक रगड़ने से तुम्हारी भुखमरी दरिद्रता व गुलामी दूर नहीं होगी।
अपने पुरखो की तरह तुम भी चिथड़े मत लपेटो, सडा गला अनाज खाकर जीवन मत बिताओ।

इलाज के अभाव मे तड़फ़-तड़फ़ कर अपनी जान मत गवाओ। भाग्य और ईश्वर के भरोसे मत रहो। तुम्हे अपना उद्धार खुद ही करना है।

धर्म मनुष्य के लिए है। मनुष्य धर्म के लिए नहीं और जो धर्म तुम्हे इंसान ही नही समझता वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है।
जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था हो वह धर्म नहीं गुलाम बनाये रखने की साजिश है।
                  डॉ. भीमराव अम्बेडकर.                 

हिन्दी,इतिहास,विज्ञान,भूगोल एवं सभी विषयों के तैयारी के लिए  खास  नोट्स यहाँ पढ़े*** 

लेखक :दीपक कुमार