Wednesday, August 8, 2018

भारत रत्न डॉ.बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के बहुमूल्य विचार

भारत रत्न डॉ.बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के बहुमूल्य विचार 

दोस्तो जय भीम जय भारत,
बाबा साहब डॉ.भीम राव आंबेडकर जी का जीवन बहुत ही संघर्षों में व्यतीत हुआ है। उन्होंने बहुत उत्पीड़न सहा है। जीवन में पग पग पर उनके काटें ही कांटे रहे है। और बड़ी ही मुस्किलो पर आधारित जीवन जीते हुए देश को बहुत कुछ देकर गए।उनके बलिदानो को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से बाबा साहब की
कही कुछ बाते शेयर करने जा रहा हूँ,कृपा ध्यान से पूरा पढ़े।
                          

                                     

               "काम करो कुछ ऐसा कि पहचान बन जाये,
   हर कदम चलो ऐसा कि निशान बन जाये।
                जिंदगी तो हर कोई काट लेता है ऎ मेरे दोस्तों,
   जिंदगी ऐसी जिओ के मिशाल बन जाये।।

ऎ भारत के गरीबो.दलितो व शोषितो!
तुम्हारी मुक्ति का मार्ग धर्मशास्त्र व मंदिर नहीं है, बल्कि तुम्हारा उद्धार उच्च शिक्षा, व्यवसायी बनाने वाले रोजगार तथा उच्च आचरण व नैतिकता मे निहित है।

तीर्थयात्रा,व्रत पूजा पाठ करने, यगो में आहुति देने व मन्दिरो में माथा टेकने से, तुम्हारी दासता दूर नहीं होगी,
तुम्हारे गले में पड़ी तुलसी की माला गरीबी से मुक्ति नहीं दिला सकेगी।

काल्पनिक देवी, देवताओ की मुर्तियो के आगे नाक रगड़ने से तुम्हारी भुखमरी दरिद्रता व गुलामी दूर नहीं होगी।
अपने पुरखो की तरह तुम भी चिथड़े मत लपेटो, सडा गला अनाज खाकर जीवन मत बिताओ।

इलाज के अभाव मे तड़फ़-तड़फ़ कर अपनी जान मत गवाओ। भाग्य और ईश्वर के भरोसे मत रहो। तुम्हे अपना उद्धार खुद ही करना है।

धर्म मनुष्य के लिए है। मनुष्य धर्म के लिए नहीं और जो धर्म तुम्हे इंसान ही नही समझता वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है।
जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था हो वह धर्म नहीं गुलाम बनाये रखने की साजिश है।
                  डॉ. भीमराव अम्बेडकर.                 

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लेखक :दीपक कुमार

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