Wednesday, August 8, 2018

एक कड़वी सच्चाई किस किसने तुम्हे सताया है

एक कड़वी सच्चाई किस किसने तुम्हे सताया है 

दोस्तो मेरे ब्लॉग को पूरा पढ़े। और इसे इतना ज्यादा शेयर करो कि ये करोड़ो लोगो तक पहुंचे। और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार तक हमारी बात पहुंचे। क्योकि हमारे देश में सब गड़बड़ चल रहा है।

दोस्तों नमस्कार

जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय.
दोस्तों आज मैंने एक विडिओ देखा जिसमे दो ठाकुर के लड़के भारत से दलितों का नामो निशान मिटाने की बात कर रहे है। और भीम राव आंबेडकर जी की फोटो को चप्पल से मार रहे है।और एक दूसरी विडिओ में एक कार्यालय में बैठा एक युवक बाबा साहब भीम राव आंबेडकर को इतनी गालिया दे रहा है  कि उनके बच्चों तक को भी बहुत गन्दी-गन्दी गलियां दे रहा है। 

मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से ऐसे लोगो से पूछना चाहता हूँ कि तुम हो क्या? अरे जो दुनिया में सबसे अधिक पड़े लिखे होकर भी शालीनता का जीवन जीते थे। और समूचे भारत को समृद्ध भारत बना दिया। आधुनिक भारत का निर्माण कर गए। भारतीय अर्थव्यवस्था दे गए। रुपये की समस्या को सुलझा गये। रिजर्व बैंक की स्थापना करके गए।विद्युत परियोजना जल परियोजना आदि बहुत कुछ तुम्हे दे दिया। सभी धर्मो की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को ख़त्म कर के गए। उसमे तुम्हारी माँ और बहन भी है। तुम्हे तुम्हारी नौकरी के काम के आठ घंटे दे दिए।नहीं तो तुम 12 से 14 घंटे काम कर रहे होते। नौकरियों में तमाम सुविधाएँ दे गए। देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद करके गए।


अब तुम कहोगे की गाँधी जी और फलाना फलाना देश आजाद कर गए। अरे अंग्रेजो की एक शर्त थी कि तुम अगर अपना सविधान बना दो तो हम तुम्हे आजाद कर देंगे। तुम्हारे तो सदियों से पढ़े लिखे लोग थे। क्यों नहीं बना सके भारत का सविधान। क्योंकि तुम लोग हमेशा पाखंडवाद जातिवाद  मनुवाद में रहे हो। तुमने कभी विज्ञानवाद को नहीं समझा। तुमने हमेशा उत्पीड़न के सिवाय कुछ नहीं दिया।

तुम्हारे पूर्वजो ने बार-बार देश को गुलाम करवाया। भारत के बार बार बटवारे करवाते रहे हो। देश का नाश कर दिया तुम लोगो ने। देश की तमाम सम्प्पति को लूट लिया तुम लोगो ने।

बात करते हो दलितों को भारत से नामो निशान मिटाने की किस- किस को मारोगे भारत में 35 करोड़ दलित है।अगर एक बार ये सब जाग गए तो तुम समझ सकते हो तुम्हारी क्या दशा और दिशा होगी। हजारो सालो का हिसाब एक ही झटके में ले लेंगे और तुम ऐसे महामानव को गाली देते हो उसका अनादर करते हो। जिसे सारा संसार मानता है।

मैं तो अपने इस ब्लॉग के माध्यम से कहना चाहता हूँ कि देश की सरकार ऐसे लोगो को संरक्षण प्रदान कर रही है? जो जानबूझकर ऐसे लोगो को आगे ले कर आ रही है।और दलितों पर अत्याचार करा रही है।

मैं कुछ लाइने अपने समाज के लिए कर रहा हूँ। कृपया ध्यान से पढ़े।

क्या कहूं मैं ऐसे ना समझो से कई युग बीत गये मार खाते- खाते।
सदियों से समझाते आये, बात ना उनकी माने हम।
हमारे महापुरुषो संत रविदास जी, महात्मा ज्योतिबा फुल्ले जी, बाबा भीमराव आंबेडकर जी एवं अन्य समाज के बुद्धिजीवियों के द्वारा लेकिन हम वहीँ के वहीँ है।
इन देवी देवता से इस पाखंडवाद से इन आडंबरो से कब बाहर निकलेंगे हम।

क्या कहूं मैं ऐसे ना समझों से,

जो अब तलक भी नहीं समझ सके,
जो अब तलक भी बाहर नहीं निकल सके,
इन आडंबरो से।
अरे कैसा डर तुम्हे सताता है।
क्यों तुम गले इन्हे लगाते हो। आखिर तुम क्या चाहते हो।
कि देवी तुम्हे धन देगी, कि देवी तुम्हे बचायेगी।
अरे मैं कहता हूँ वो तुम्हे नहीं बचायेगी,वो तुम्हे धन दौलत नहीं देगी।

क्योंकि जो चढ़ावा लेती है वो, भला तुम्हे क्यों देगी,

उसके पीछे का कारण जानो।
अरे बैठा है उसके पीछे एक मनुवादी चेहरा जो सब कुछ तुम्हारा खायेगा, और तुम्हे ही नीच बतायेगा,जुल्म और अत्याचार करेगा तुम पर, तुम्हे ही मार गिरायेगा।
सुनो रे भैया देवी हो या देवा इतिहास जान लेना तुम।
कितने भाइयों को मार गिराया इन्होने।

जुल्म किये हम सब पर इतने,

कि कभी राक्षस कभी शूद्र और कभी अछूत बताया तुम्हे।
अरे कब तक समझोगे ना समझो तुम।
अरे एकलव्य का काटा अंगूठा, शम्भुक ऋषि की  हत्या की, होलिका का किया था बलात्कार, की थी संत रैदास की हत्या, अरे फंसा डाला था उस भीम महामानव को भी अपने जाल में कर डाली थी रात अंधेरे में हत्या।

क्या गिनांऊ जुल्मो को इनके।

जिन्होंने करोड़ो लोगो की हत्या कर डाली।
अरे भूल गए तुम क्या अपने जुल्मो और जख्मो को।
अरे याद  करो अपने माता पिता की गुलामी को।
याद करो उनकी क़ुरबानी को जिन्होंने इन हत्यारो से तुम्हे बचाया है।

खुद खाली पेट जुल्म सहकर तुम्हे खिलाया है।

अरे पीछे झाड़ू आगे हांड़ी नहीं दिया था पिने पानी।
अरे किसने तुम्हे बचाया था।
कौनसी दुर्गा कौनसी देवी कौन सी शक्ति ने तुम्हे बचाया था।  अरे ध्यान करो उस बाबा भीम का जिसने तुम्हे बचाया था।
अरे क्या समझाऊं ऐसे ना समझों को।
जो है कौम के गद्दार अरे भाइयो दर- दर ठोकर खाते हो तुम क्या वजूद तुम्हारा है।

यहाँ ठोकर से मेरा कहना है कि जब हमारे मंदिरों में किसी भी दूसरे समाज के लोग नहीं आते है। तो तुम क्यों दूसरों के मंदिरों में जाते हो। मुझे एक कहावत याद् आ रही है। घर आये नाग न पूजे चले बाम्बी पूजने। अपने को कौन आएगा पूजने जब तुम खुद उनको नहीं मानोगे।


मैं तो इतना जनता हूँ कि दुनिया में कोई भी ऐसी शक्ति नहीं जो बाबा भीम राव आंबेडकर और संत रैदास  से बड़ी हो। जिनका समूचा संसार लोहा मानता है।

मेरे तो सपने में रात बाबा साहब भीम राव आंबेडकर साहब आये थे। उन्होंने ही मुझे बताया था कि आप इस समाज को जागरूक कर सकते हो। जिससे मैंने ये पोस्ट लिखी है और साथ में बाबा भीम ने मुझे एक वरदान दिया था कि तुम एक दिन भारत में सबसे बड़े पद पर पहुंच जाओगे और संसार में तुम्हारा ऊंचा नाम और बहुत सम्मान होगा।और वो अधिकार मुझे बाबा साहब ने दिया है।

मैं आशा करता हूँ कि तुम मेरे इस संदेश से खुद जागो और दूसरो को जागाओं। हमें अब जागना ही होगा नहीं तो आज ये लोग वीडियो बनाकर तुम्हे डरा रहे है। कल तुम्हे ख़त्म कर देंगे।और तुम इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। साथियो इनके छोटे-छोटे बच्चों के अंदर दलितों के प्रति जहर भरा है।


नोट--

मैंने किसी धर्म या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्द्येश्य से इस पोस्ट को नहीं लिखा है। मैंने सिर्फ एक विडिओ को देखकर लिखा है। जिससे मेरी भावनाओं को बहुत ठेस पहुंची है।

मैं अपील करता हूँ कि कोई भी किसी भी समाज का व्यक्ति दलितों पर कमेंट करने बंद कर दो। भाईयो हमारा समाज किसी का कोई भी बुरा नहीं करता है। जिओ और जीने दो वर्ना आप लोगो का बहुत बुरा वक्त शुरु होने वाला है।


काम करो ऐसा की मिशाल बन जाये हर कदम चलो ऐसा की निशान बन जाये।
जिंदगी तो हर कोई काट लेता है ऐ मेरे दोस्तों जिंदगी ऐसी जिओ की मिशाल बन जाए।

अन्य पोस्ट के लिंक यहाँ पर है 

दोस्तों ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकि उन लोगो की आँखे खुल जाएँ जो हमारे समाज पर अत्याचार करते है।जय भीम

लेखक:- मा.दीपक कुमार, जनपद-सहारनपुर, यू.पी., भारत 

2 comments:

  1. यार दीपक इसे हटा दें अपनी ब्लाग से माना की कमेंअ आ रहें है इसके पढ़ कर लेकिन परेशानी तुझे हो सकती है इसके कारण इसे हटा दें कोई किसी को दरबार आने के लिए नही कहता सब अपनी मर्जी से ही आते है किसके पास है इतना फालतू टाईम अगर फ्राॅड है तो सब अपने आप खत्म हो जाएगा क्या दिक्कत है सब यार अपनी परेशानी लेकर यहां आते है कोई गोल के कुछ नही पिलाता कि यहां आयें हजारो रूपये खर्च करके । तो फालतू की बातें है सब तु अच्छा बलाग लिखता है इसे एजूकेशन और बढिया ज्ञान वर्धक साम्रगी लिखा कर भाई फालतू के चकरो मे मत फस । 35 सालों से लगभग दरबार चल रहा है मुझे तो कोई लेकर नही आया यार मै तो रात ठहरने यहां आया था बस रात रहा चल दिया एक बात तो है कि जाते ही मेरे कुछ काम बने , फिर बनते चले गये मेरे कम मेरे परीवार वालो के ज्यादा जो कि आते ही नही बस मुझे पैसे देते है कि वहां जाया कर तु वहा होता है हमारे सारे काम बनते है ये सब अपनी अपनी सोच है । कर्म अपन अपना है भाई ना वहां कोई कुछ मांगता है ना कोई बेवजह तंग करता है आयो खाओ पीयो रहो चले जाओ । मुझे तो किसी ना आज तक तग नही किया ना मैने आज तक एक भी रूपया किसी को वहां दिया कोई दिक्कत नही सबकी अपनी अपनी सोच है इसे हटा दें यहां से किसी की आस्था से मझाक सही नही है । हर इन्सान अपनी अपनी सोच रखता है । यह सही नही है लेकिन सच यह है कोई ना कोई तो है जिसने हमारे मां बाप हमे दुनिया को बनाया है मानने का तरीका अलग अलग हो सकता है लेकिन आस्था रखना हमें विन्रमता सीखाती है बाकि खा पीकर भी तो आए दिन लोग मरते है कोई नई बात थोडी है कई आडम्बर करने वाले जेलो में पडे रहते जो अपने को रब कहते है तेरे सामने उदारण है क्यों किसी को दिल को दुखाने वाली बात करनी समय का इन्तार करो बस । आज तुम्हार है कल किसी और का होगा । इससे आप को दिक्कत परेशानी हो सकती है भाई । जो जैसा है चलते रहने दो समय से सच्चाई सामने आ जाएगा दीपक ।

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  2. Conversion between Krutidev-010 and Unicode क्रुतिदेव-०१० और यूनिकोड के बीच रूपांतरण

    क्रुतिदेव-०१० (Kruti Dev 010) फॉन्ट में टंकिट टेक्स्ट को "क्रुतिदेव-०१०" नामक टेक्स्ट बॉक्स में टाईप या पेस्ट करें तथा इसे यूनिकोड में रूपांतरित करने के लिए अधोमुख तीर वाले बटन को दबाएँ। इसी प्रकार यूनिकोड फॉन्ट में टंकिट टेक्स्ट को "यूनिकोड" नामक टेक्स्ट बॉक्स में टाईप या पेस्ट करें तथा इसे क्रुतिदेव-०१० में रूपांतरित करने के लिए उर्ध्वमुखी तीर वाले बटन को दबाएँ।
    क्रुतिदेव-०१०
    ,sls desVks dh gjke dh dekbZ uk [kkvksa ;kj vius ,stwds'ku ds cykx ls esgur djds dekvks HkkbZ

    यूनिकोड
    ऐसे कमेटो की हराम की कमाई ना खाओं यार अपने ऐजूकेशन के बलाग से मेहनत करके कमाओ भाई

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